Posted by: बिस्टे October 3, 2008
दशैं विशेष - चौतारी
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हैन ए हर्के रागो नै ढाल्द्या भन्या,अनी रागो लाई के तेल बेसार चाहियो नि
एक्छिन के उता गा त यहाँ त सेक्वुआ बनी सकेछ, ल रागो को भए त खन्न त्यो आन्द्रा भुँडी सुडी खसी को भए चै खाम्ला।
हन मेरो नातिनी लाई देखेउ तिमार्ले,कता गई गैइ।
ल एसो तास सास को नि बेवस्था गरम न त अब।
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