Posted by: Birkhe_Maila September 23, 2008
~ * चौतारी-१२९*~
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तीन झिँगेन कथा:

सिनम- एकम-

एकादेशस्य तीन झिँगेन भवन्ति। तेदेन देशस्य एक स्त्री चेलिन्नानी अत्यन्त शिल स्वभाव निष्ठाभ्याम काम कर्तव्य करोति। उक्त देशेन लहरेकान्त लाकौल नामक एक दुष्टेन हरबखत किचकिच करोति। आयज अ रिजल्ट: एकदिन लहरेकान्त लाकौल तीन झिँगा उडाइङ और चेलिनानीभ्याम मुखेन दिशाए भेजन्ती। तीन झिँजा पथेन डिसकसन करन्तु।

एक झिंगा उवाच- " सखा झिँगे द्वि तीन!"

द्वि झिंगा, तीन झिंगा उवाच- "कथि बतियाइरहत सखा झिंगे एक!"

एक झिंगा उवाच- "हमलोग कुत्र गछ्छति?

तीन झिंगा- " हमेन लहरे दुस्टानि चेलिनानि मुखम भेजन्ती!"

द्वि झिंगा- " दुस्ट भेजन्ति बट अपुन थोडै गयन्ति!"

एक झिंगा- " अहम केहि आइडिया सुझन्ती"

रास्तेन यि तीन झिँगा खासखुस करन्ति र एकातिर उडन्ती। बाटोमा यथेष्ट फोहर कुडा कर्करट भेटन्ति। त्यहाँ गएर खुब चरन्ति र जिउमा धेरै साल्मोनेला टाइफि टाँसन्ति र पुन: उडन्ति।

द्वितिय सिनम-

लहरेकान्त लाकौलम, अत्यन्त भोकम कारणम, माम्स पिन्डम मुखम कप्ल्याक्कम (ममचा) उदरस्त गरनम प्रकृयम लागम। एन वक्तेन तीन झिँगा सुटुक्क लहरेकान्त लाकौलम अचारम पसन्ति। लहरेकान्त नदेखन्ति क्वाप क्वाप अचारमा चोपन्ति और साल्मोनेला निलयन्ति।

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