Posted by: Harka_Bahadur August 26, 2008
** चौतारी १२७ **
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पर्बते दाई नमस्ते है ।।
चिप्लेको कथा पढे निक्कै रमाइलो पाराले लेखेको रैछ , निक्कै राम्रो लेख खुब रमाइलो भो पढेर आरु भाग पनि तु लेखौ है, धेरै दिन कुर्नु नपरोश भन्ध्या छु मैले।।
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