Posted by: Rahuldai August 25, 2008
** चौतारी १२७ **
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तुम को देखा तो ए खयाल आया
जिन्दगी धूप तुम घना साया

आज फिर दिल ने एक तमन्ना कि
आज फिर दिल को हम ने सम्झाया

जिन्दगी धूप तुम घना साया

तुमा चले जाओगे तो सोचेंगे
हम ने क्या खोया हम ने क्या पाया

जिन्दगी धूप तुम घना साया

हम जिसे गुनगुना नही सकते
वक्त ने एसा गीत क्युं गाया

जिन्दगी धूप तुम घना साया

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