Posted by: bimal_thapa_usa July 23, 2008
gynendra and parash going jail soon
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नरसंहार से पहले ही हो गई थी दीपेंद्र की हत्या!

 
Jul 23, 06:21 pm

काठमांडू। नेपाली राजमहल में वर्ष 2001 के नरसंहार से जुड़े विवाद को एक नया मोड़ देते हुए एक नेपाली सैनिक ने दावा किया कि वह शुक्रवार रात को हुई इस घटना का प्रत्यक्षदर्शी है तथा इन हत्याओं का दोषी माना जा रहे युवराज दीपेंद्र निर्दोष थे, क्योंकि उसकी अपने परिवार के सदस्यों से पहले ही हत्या हो गई थी। हालांकि सरकार की ओर से इस खबर के बारे में अभी तक कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई है।

लाल बहादुर लामतेरी ने नेपाली दैनिक नया पत्रिका को बताया कि तत्कालीन नरेश वीरेंद्र और उनकी पत्नी ऐश्वर्या की रात्रि भोज में गोली मार कर की गई हत्या से पहले ही एक जून 2001 को युवराज दीपेंद्र को मार दिया गया था। समाचार पत्र ने सरकारी जांच आयोग की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए हैं, जिसमें दीपेंद्र को हत्याओं का दोषी ठहराया गया है। अधिकतर नेपाली लोग भी सरकार के इस दावे पर भरोसा नहीं करते और उनका मानना है कि शाही परिवार को समाप्त करने के पीछे कोई साजिश थी, क्योंकि इस दुखद घटना के बाद नरेश बीरेंद्र की जगह उनके भाई नरेश ज्ञानेंद्र राजगद्दी पर आसीन हो गए।

इस दौरान नारायणहिती राजमहल में तैनात सेना के कनिष्ठ कर्मी लामतेरी ने दावा कि अपदस्थ किए गए नरेश का पुत्र एवं दीपेंद्र के चचेरे भाई पारस उस रात राजमहल के रात्रि भोज में एक व्यक्ति के साथ आए थे, जिसने दीपेंद्र से मिलता जुलता मुखौटा पहन रखा था। उसने दैनिक को बताया कि मुखौटा पहने व्यक्ति ने शाही परिवार के सदस्यों की हत्या से पहले दीपेंद्र को मार दिया।

लामतेरी ने दावा किया कि शाही परविार को मारे जाने से पहले उसने दीपेंद्र को अचेत अवस्था में उसके निजी कक्ष में देखा था तथा उसकी पीठ पर छह और बाएं हाथ पर एक गोली लगी थी। दैनिक की खबर के अनुसार लामतेरी ने दावा किया कि उसने अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ राजमहल को एक गुमनाम पत्र लिखकर यह सूचित किया कि दीपेंद्र निर्दोष है। लेकिन तीन माह बाद पदावन्नति कर उसे अन्य बटालियन में भेज दिया गया। इसके बाद उसे एक व्यापारी की हत्या के गलत मामले में जेल भेज दिया गया।

जांच आयोग की विवादास्पद रिपोर्ट के अनुसार शराब के नशे में दीपेंद्र ने नरेश बीरेंद्र, रानी ऐश्वर्या और शाही परिवार के अन्य सदस्यों की हत्या कर खुद आत्महत्या कर ली।

काठमांडू में आज इस खबर के कारण नया पत्रिका अखबार की बिक्री एकाएक बेहद बढ़ गई। एक समाचारपत्र विक्रेता के अनुसार महज एक घंटे के भीतर इस अखबार की 20 हजार प्रतियां बिक गई। कई जगहों पर पांच रुपये के मूल्य वाला यह समाचारपत्र ब्लैक में 25 रुपये में बिक रहा है।




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