Posted by: तिका: July 23, 2008
बाहुन भाषा बिर्सन मन लाग्यो
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अच्छा stochastic भैया, लगता है आप को राष्ट्रपति से बहुत गुस्सा आ रहा है, और उपराष्ट्रपति से बहुन प्यार हो रहा है । खेँ खेँ खेँ खेँ ।

हम तो बस यहि कह रहा था कि बाहुन भाषा नेपाली भाषा नहि है, बाहुनलोगका भाषाको बाहुन भाषा बोल्ना चाहिए । हिन्दी तो बस इण्डिया के भाषा है, जो बाहुन नेता लोग को बहुत प्यारा है । सुना है के वह झा (वहि उपराष्ट्रपति परमानन्द झा) भि मदिसेके बाहुन कहलाते है, और वो अपना मैथिलीको त्यागके हिन्दी मे शपथ ले लिया, देखो तो !!!! मुझे मालुम नहि क्यूँ ये बाहुन नेता लोग अपना भाषा से ज्यादा हिन्दीको प्यार करता है ? इसमे खास राजका बात क्या है ?

 

tikka भैया, आपका बात कुछ समझमे नहिं आया, वो जब आपने बोला similarly hope for evolution to make ranga stronger than newars. tika will get what he wants and rangas will get what they want. तो आप पक्का बाहुन दिखाइदिया, खेँ खेँ खेँ खेँ । मैने पहले भि कहा ना, बाहुन लोग इतना रेसिस्ट है कि वह दुसरा जात के आदमिको जानवर से भि निचा दिखाने मे मजा आता है । वहि बाहुन लोग ने हम थरुइ को भि सुद्र माना था, लेकिन जब कोइ हमार थरुइके पास जमिन और जायदात है उनको क्षत्रिय बना दिया । खेँ खेँ खेँ खेँ । काठमाण्डुमे सबसे जादा म:म: खानेवाला बाहुनलोग है, और आप गये नेवारके पिछे ??? खेँ खेँ खेँ खेँ ।

 

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