Posted by: तिका: July 22, 2008
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bisal123 भैया, मुझे तो हिन्दी अभि अभि थोडा थोडा समझमे आने लगा, कसम से । जब वो गिरीजा बाहुन ने हिन्दि मेँ भाषण दिया था न, जब वो माधव बाहुन ने हिन्दीमे टिभि पे बोला था ना, जब वो प्रचण्ड बाहुन ने हिन्दीमेँ दिल्ली जाके भाषण दिया था ना, जब वो बाबुराम बाहुन ने पटना मेँ हिन्दी मे भाषण दिया था ना, उस बखत मुझे कुछ समझ मेँ नहिँ आया । ये बाहुन लोग सभि हिन्दी कैसे बोल लेते है ? क्या उनका माँ को कोइ हिन्दी आदमी कुछ करता है क्या ? मै तो इहाँ डिक्सनरी और अनलाइन ट्रान्सलेसन मे चलते चलते थक गया हुँ । फिर भि ठीक हि है, कुछ हि दिन मेँ हिन्दि तो नेपाल मेँ हो हि जायेगा ।
आपको मालुम है ? बिशालबजार से लेकर कालीमाटी और काठमाण्डुके गल्ली गल्ली मेँ नेपाली से ज्यादा आइसिका नोट चलता है ।।।