Posted by: ritthe July 22, 2008
Login in to Rate this Post:
0
?
>>>हाहाहा बिचरा रिट्ठे! मायुस मत रो रिठे काणा तेरा भि दिन आने कु है! बोले तो अख्खि मुम्बइके आइटमलोग तेरेकु मिलनेको है!<<<
अख्खि मुम्बइके आइटमलोग नही चाहिये रे जिम्माल -- बोले त अप्पुन लंगडे के माफिक पाचास पाचास पाजिँसन अप्ना सर पे लेके नही चल सकता रे ! अप्पनको त बस वहिच चहिये वो अप्पन वाली !