Posted by: Harka_Bahadur July 3, 2008
~चौतारी १२१~
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लौ बसन्ती ज्यु, हिजो पनि सुनेको आज नि सुन्न मन लागेको गीत सुनम है त, खै के भा हो त्यो गीत थोरै रैछ।
लौ सुनम, प्यार दिवाना होता है मस्ताना होत है।


 

PYAR DEEWANA HOTA HAI - COMPACT
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