Posted by: Rahuldai June 20, 2008
--कथा चौतारीको--
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अब के भन्ने मैले?

नम्बरी जुवाडे त हैन है। फिलिम मा नि चिलिम तान्या कुरा छुटेन छ पर्भू।

जिम्मालबा को कल्पना शैली, ग्रामीण परिबेश को यथार्थ चित्रण र भाषिक सन्तुलनलाई सलाम गरें। 

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