Posted by: PallaGhareAntare June 19, 2008
~चौतारी ११९~
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रिठ्ठे, हर्के काका, टंके, बिस्टे, चेली र दिपिका सबैलाई नमस्कार है।

ठुल्दाई तपाईं तर्सिनु होला भन्या त झन चम्की चम्की गीत टाँस्न थाल्नु भो लु फेरि मेरो फरमाइस, उहि आभाष कुमार गांगुलीको स्वरमा...

४) रात कली मेरे ख्वाबमे आई
५) गुम है किसीके प्यार में
६) रिमझीम गिरे सावन
७) हमें और जिने कि चाहत ना होती

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