Posted by: Birkhe_Maila June 10, 2008
~चौतारी ११८~
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गन्नु महात्म्यको दिनलाई दीपले कसरि छुटाउन सक्थे र! उनि टाढै भए पनि गन्नु महात्म्य भने चौतारी सम्म आइसकेको छ--

दीप ज्यू को तर्फ बाट-

गन्नु: यह कौन है?

जिम्माल: यह दीप है बोस।
गन्नु: दीप कौन? वही जो पापड, मसला, आचार बेचता है--वही ना? इसकी अचार ने तो मेरेको मैराथुन पे भर्ती करवाया था कुछ दिन पहले -- बाथरुम आने जाने के मैराथुन -- इस दीपकी तो अभि बुझाता हुँ मै --
रिट्ठे: नही--नही--माईबाप यह वह दीप नही है--यह तो दीप कुमार है---
गन्नु: तो फिर काहेको ले के आया इसको ईधर? तेरेको मालुम है ना मुझे कुमार बिलकुल पसन्द नही।
जिम्माल: बोस यह दीप को वह आपका भाई कुमार से कुछ लेना देना नही है ---
गन्नु: फिर कुमार कुमार क्यो बोलता है?
रिट्ठे: बिन सादी बाला कुमार है माईबाप यह। ईसी लिए हम दीप कुमार बुलाते है इसे।
गन्नु: शादी नही कि चलो ठिक है। लेकिन तुम लोगौंको कैसे पता कि यह कुमार है?
जिम्माल: हम भि तो कुमार थे। हम कुमारसे बस कुछ महिने पहले पदच्युत हुवे। लोल्! बहुत मजा आया था।
रिट्ठे: तो क्या तु सादी से पहले तक कुमार ही था? हम तो --
जिम्माल: हाँ हाँ साले --पता है तु तो सादीके बाद भि कुमार ही है --
रिट्ठे: किसकी सादी बे?
गन्नु: खामोस! यह शादी ब्या से हम सख्त नफरत है। बंसिया बहुत लक्कि है रे -- गोपीनीऔंका ताँता -- सादी कितने से किया खुद बंसियाको को पता नही -- मन्दिरौंमै खुलेआम गर्लफ्रेण्डके साथ रहता है--उपर से मीरा अलग --और इधर हम? क्या है हमारे पास?
रिट्ठे: सबको मालुम है क्या है आपके पास --पर यह साझा है रमझम नहीँ--यैसी बातें मत करो यहाँ ब्यान हो जाओगे।
जिम्माल: तो गन्नु माईबाप सादी तो हुई नही है आपकी तो --
गन्नु: हाँ नही हुई, तो? इसका मतलब हम भी कुमार है? हाँ हाँ बोलो सालों--
रिट्ठे: काहे सकपकारहे हो? कोई बात नही -- अब शदिओंसे कुछ नही हुवा तो अब क्या होगा? जमाना बदलगया है -- जिम्माल कि आङ्ग ली से अच्छे सम्बन्ध है--जो भि हो कुछ महिने पहले तक तो था -- वह आपको ब्रोकब्याक माउन्टेन भाग दो मै लगवा देगा -- धैर्य करें --
गन्नु: क्यो बे? सादी नही कि ईसका मतलब हम क्यालिफोर्निया बाले हो गए?
जिम्माल: तो फिर बात क्या है प्रभो?
गन्नु: राज कि बात है रे लोल-ए-जिम्माल ---- फिर कभि सुनाउंगा।

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