Posted by: ritthe May 31, 2008
चौतारी - ११७- भौते, चित्रे र ठुलीको खोजीमा
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ठुल्दाइ तारेमाम
बबाल गीत राख्नु भयो
राम करे ऐसा हो जाये मेरी निदिया तोहे मिल जाये
मै जागु तु सो जाये

वाह !

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