Posted by: Rahuldai May 7, 2008
चौतारी- ११३ -- भुल्न सक्या भये मरीजाम :-(
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आज खासा को भाषा दिवस परो। बिहान बिहान नेवारीमा खोकन्ती, संस्क्रित जती घोकन्ती। इलाहाबादी हुं, हिंदी त उर्दु त्यसइ आयन्ती। तारेमाम, बिस्टे, टंके , नेत्रे।
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