Posted by: ritthe May 7, 2008
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त्वम मनुश्यम नानाभातियम बकन्ती सन्स्क्रितम भाषम अहम टोटलियम बुझन्ती ! रिट्ठेयम जो गाली गलौजम करणती अहम घाँटी अठ्यान्ती