सैरियल लंगडा: अरे वो पब्लिक किधरको खिसकेला है?....... इधरिच बैठनेका, गन्नुभाई आरेला है क्या? ज्यादा सानपत्ति ना करनेका और गन्नुभाई जो बोलनेका वो सुननेका और चुपचाप कलटि मारनेका क्या?...."ए लाल सर्ट चल बैठ्! ...."ए अमिताभ बच्चन..अबे एssss! हाँ हाँ लम्बु तेरेको बोलरेला हुँ, चल बैठ्!..अरे वो पगडिवाले खुसट् तु झालुगल्लिका पनवाडि है न? तु भि बैठ तेरे से पुराना हिसाब किताब बाकि है!......अरे वो डाक्टर तु किधरको खिसकेला है तु? इधरिच बैठनेका नहिँ तो तेरि पसलि पर बोले तो अपुनका सरियाका इन्जेक्सन लगा डालेगा और तेरि लिज्जत पापड जैसन थोबडे पर तेजाब फेँकके मारेगा..!!
रिठे काणा- "भाई आ गया! भाई आ गया" ...अरे वो लंगडा, वो टोपिवालेको बिठा रे! तेरि जात का पैदा मानु..... चल बैठ भुतनी के!
गन्नुभाई: " अपुनकि एरियाके छोकरा और छोकरि लोग! अपुनको जो बोलना है साटकाँटमे बोलता है !, अब्बि अपुन चौतारी होके आएला है! कोइ हरामिका लगता है आज बोले तो फाइनल दिन है क्या? कोइ अपुन से पंगा लिया रे! अबे ओ काणा सुन रहा है क्या? कोइ सला किचडका मवालि गन्नु भाई से पंगा लिया! इधरिच सुला डालनेका है सालेको! कोइ इधर उधर किया ना, तो सालेका कनपटिपे कैप्सुल घुसा डालनेका! इधरिच कोइ है जो अपुनका इनसाँल्ट बोले तो बेइजति किया है! अपुनका पिले वाला फोटु चिपकाके आएला है! पिले वाला बोले तो वो कमल करके कोइ पित्त होता है हाँ वहिच वाला! अपुनको अपनाइच छोकरेपे डाउट है! वो दिप हठेला हैन अपुनको उसपे डाउट है! अब्बि अपुन रिठे कानाको बोला कि गायतोंडेके छोकरिको उठा लानेका, पन सला अपुनको मालुम पडा कि अपना छोकरा दिप हठेला उसकि बेटिके साथ चुमाचाटु कररेला है! अब्बि अपुन सब पब्लिक लोग से पुछरेला है कि दिप हठेला उस छोकरिको लेकर किधरको गएला है?
दीप हठेला दुर से एक छमियाको बगलिपे सटाके आरेला दिखाइ पड्ता है.... इसके बादकि कहानि दीप हठेलाके जुबानि....अरे दीप हठेला जल्दि रे..अस्टोरि सुना रे जल्दी