Posted by: Nepal ko chora May 6, 2008
चौतारी- ११३ -- भुल्न सक्या भये मरीजाम :-(
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गन्नु भाई-  " अबे काला बैगन, काहे कु चिख चिखकर कान कि मा बहन कररेला है? 

गन्नु भाई- "अबे सुखे हुवे खजुरके किडे लगे बिज, अबे तु पहलि बार कसमसे सयाना बात कररेला है, गेम भि बजाना, तिरथ बरत का दर्शन कराकर धरम भि करना!" अब्बि के अब्बि जा, और गायतोण्डे टैक्सटायलके गायततोण्डेकि बेटिको उठाके ला, अपुन एक गोदाम कछ्छा बनानेको मांगता क्या??"

एका बिहानै हसाएर मार्ने भए यि जिम्मालबा ले। मंगलबार भो कि हाम्रो गणेश भगवान लाई हिकि-हिकी आएर हैरान हुने भो जस्तो छ। लास्ट विक नि गन्नु भाई लाई हिक-हिक आएर गाह्रो पर्या थ्यो रे।

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