Posted by: Harka_Bahadur March 6, 2008
चौतारी- १०३ (लौ जा मैले पनी बनाये चौतारी)
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हिजो तेल भयियो आझ उखु हुनु छ।। ठुल्दाइको कथा नि पडन पाको छैन।। अन्तरेको रफ्फी सिरीज जावोश है आझनी, बेलुका सुनेर सुत्छु।।
रफ्फीको गीत मा मेरो फर्मायिश तलको दुइटा गीत छ है आझ लाई।
एक दिन बित जाएङे माटी के मोल जग मी रहे जएङे प्यारे प्यारे बोल : फिलिमो नाम बिर्सें।
मै पल दो पल क सायर हु पल दो पल मेरा कहानी है: फिलिम कभी कभी मेरे दिल मै।
है त जये होश्।।

बोल बम।। बोल बम।। बोल बम्।।

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