Posted by: serial January 25, 2008
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उन्हे आदत है जख्म देने कि,
अप्नी तो फितरथ है गम छुपाने कि,
अब तो आदत सि पद गयी है आसुँ पी जाने कि
क्या हसीन सजा दि है जालिम से दिल लगाने कि!!
अप्नी तो फितरथ है गम छुपाने कि,
अब तो आदत सि पद गयी है आसुँ पी जाने कि
क्या हसीन सजा दि है जालिम से दिल लगाने कि!!