Posted by: Rahuldai December 11, 2007
--- चौतारी - ९० ---
Login in to Rate this Post:     0       ?        
घुंघट मै जो देखा तो दीवाना हुवा मस्ताना हुवा,
संगीत का तराना हुवा,शमा का पर्वना हुवा,
जैसे ही घुंघट् उठाई ईस दुनीय से रवना हुवा।।।।
 
 
वाह्! वाह्! लहरे जाओस् अर्को नि।
Read Full Discussion Thread for this article