Posted by: serial October 29, 2007
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आज फिर उन्की याद सतायी,
आज फिर उन्के लिये आँखा भर आयि।
मेरे खुदा दुआ मागता हू उस्के लिए,
जिसे इज "शरीफ सेरिअल" पे दया भि नही आयि।
आज फिर उन्के लिये आँखा भर आयि।
मेरे खुदा दुआ मागता हू उस्के लिए,
जिसे इज "शरीफ सेरिअल" पे दया भि नही आयि।