Posted by: Madness October 11, 2007
** चौतारी - दशैं विशेषांक **
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अरे बेडा गरक!

उ कथि बात छ भने कालि कि सला गलतिसे मिस्टैकवा भैहालेछ। हमि चोतारि खोलेथियो पोस्ट वस्ट किएथियो और ओकरके बादमे बन्द कियो, फिर से खोल्यो और तबातौड पढ्यो और दु लाइ लिख्यो। त ऐसन बात छेन, उ अथि इग्नार वग्नारके बात भि छेन, हमि भुलेछेन कइल हम्रो गना टाँसेको त इग्नारको सवाले आउँन्देन। 

दिल पे मत ले यार

दिल पे मत ले

 

अरे बड्कि,  कोहि भन्देन कि तिमी लिपसटिक लगावने संग किसवाएछ भनेर,  गावँले लोग बहुत सयाना भैहालेछ आजकल, उ सला पानको बासले बताइहाल्छ कि तिमी लिपसटिक लगावनेलाई हेन मदनवाको किसवाएछ! खेँ.... खेँ ...खेँ...

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