Posted by: serial October 11, 2007
** चौतारी - दशैं विशेषांक **
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ल बिहान बिहानै आयो है मेरो सयरी,

तारे आस्मन मे\एे चमक्ते है,
बादल इत्नी दुर है फिर भि बरस्ते है,
हम भि कित्ने नादान है,
आप दिल मे\एे रेह्ते है और हम आप्से मिल्ने को तरस्ते है।

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