Posted by: SurNaTal October 4, 2007
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बढियाँ मदनवा, जे राम् जि कि।
गजल पनि बढियाँ, त्यो आम सुन्तालाके डिल भि बढियाँ
बढियाँ मदनवा, जे राम् जि कि।
गजल पनि बढियाँ, त्यो आम सुन्तालाके डिल भि बढियाँ