Posted by: Madness July 16, 2007
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धन्वाद् छ राहुल भैया।
हुजुर हमिलाई जोश दिलायो सला और गना गावनेको दिल कर्यो हम्रो। त पान के पात गना गावँछ हमि।
हम्रो मया सुन छेन हिरा छ
हमरो मया....सुन छेन हिरा छ
लरकि बिना मदनवाके दिल दु दु चिरा छ
त पान के पात..... रे दिन के रात
हमि गियो कलकत्ता हावडा
हमि गियो...कलकत्ता हावडा
लरकि हमको मुह बिगार्यो दिलमा चल्यो फावडा
त पान के पात....रे दिन के रात
हम्रो पनि एक्टा दिन आवने छ
हम्रो पनि...एक्टा दिन आवने छ
लम्बे बाल, दिलवालि हमिले भि पावने छ
त पान के पात...रे दिन के रात
जे राम जि कि।