Posted by: khabardar March 21, 2007
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तल को गीत् सुनुम् अनि नजिस्कि कन माथिको मुखडा र एउटा अन्तरा नेपाली मा उल्था गरौँ न! कस्तो, गार्हो कि सजिलो translation को काम् हुंदो रहेछ भनेर लुते ले पोस्ट् गर्या फेरि पनि पोस्ट् गरें यहा है! कहीं दूर जब दिन ढल जाए, सांझ कि दुलहन बदन चुराए, चुपके से आए । मेरे खयालों के आंगन मे, कोइ सपनों के दीप जलाये, दीप जलाए कहिं दूर् जब दिन् ढल् जाए..... कभि युहिं जब हुइ बोझल सांसें, भर आइं बैठे बैठे जब युं हि आंखे कभि मचलके, प्यार से छलके, छुए कोइ मुझे पर नजर न आए, नजर न आए। कहिं दूर् जब दिन् ढल जाये...... कहिं तो ये दिल कभी मिल नहिं पाते, कहिं से निकल आए जन्मों के नाते है मिठी उल्झन, बैरी अपना मन् अपना ही हो के सहे दर्द पराए, दर्द पराए। कहिँ दूर् जब दिन् ढल् जाए..... दिल जाने मेरे सारे भेद ये गहरे खो गये जैसे मेरे सपने सुनहरे, ये मेरे सपने, येहि तो है अपने मुझसे ये जुदा ना होंगे इनके साये, यिनके साये कभि दूर जब दिन् ढल् जाए, सांझ कि दुल्हन बदन् चुराए, चुपके से आए, मेरे खयालों के आंगन् मे कोइ सपनों के दीप जलाए, दीप जलाए। कहिँ दूर्.......
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