Posted by: hetterika!! March 5, 2007
चौतारी - भाग ४७
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लौ हेर आफु ढल्ने बेला भो भन्या त चौतारी पो गर्ल्याम-गुर्लुम ढल्ने बेला भईसकेछ, गाम्लेहुर्लाई पत्तै छैन क्या हो? लु कान्ला माथी उचाल्देर लागेँ है म। शुभ-रात्री!
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