Posted by: Amazing February 20, 2007
Login in to Rate this Post:
0
?
To Simplegal
कल नये फूल् मुस्काएङ्गे
और् नये घास् के नये फर्श् पर्
नये पाओ इथ्लग्ङेगे (?)
वोह् मेरे बीच नहि आयि
मै उनके बीच क्यु आऊ
उन्कि सुबह और् शामो का
मै एक् भि लम्हा क्य् पाउ
मैन् पल् दो पल् क शायर् हून्
पल दो पल मेरि कहानि है