Posted by: Rahuldai February 20, 2007
--चौतारी ४६--
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अहम एकेन वाक्य संस्क्र्तम लेखन्ती । "बिद्या बिहिन् मुढस्तु, दिवा नक्तम् न पश्यति" हे हत्तेरिका,९० प्रतिषत मिलन्ती। बधाइ भवन्तु। बिद्याबिहिन मान्छे मुढा जस्टै हुन्छ जस्ले दिन रात दुबै समयमा आँखा देख्दैन। ६ कक्षामा पढन्ति आज के सम्झन्ति? चिलिम्यस्य महात्म्य कथन्ति सर्बे शियर् करन्ति। नबीन संसार् देखन्ति जब् चिलिम् तानन्ती।
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