Posted by: Nepal ko chora January 7, 2007
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वाह वाह राहुल् दाइ अनि तिरु
बबाल जादै छ नि। अरु पनि जाओस। :D
अर्को औटा टुक्रा
मुस्कुराने कि वजह क्या जाने हम,
बस हम तो उन्की याद को ताजा करते है।
कम्बक्त ए हसी भि ऐसी है कि
उन्की जुदाइ मे रो कर भि मुस्कुरती है।