Posted by: Dada_Giri September 4, 2006
~ चौतारी २४ ~
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आपताउन गाल: डाँडैको देवी देऊराली माया होऽ पात बजाउँदै झरे है ओराली मै बस्छु सम्झी झलझली माया होऽ पात बजाउँदै झरे है ओराली मै बस्छु सम्झी झलझली ... ... कम्ले: पैले थियो वर पिपल छहारी वर पिपल छहारी माया होऽ आजभोलि सुन्य भो चौपारी डाँडैको देवी देऊराली माया होऽ पात बजाउँदै झरे है ओराली मै बस्छु सम्झी झलझली ... ...
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