Posted by: Birkhe_Maila August 12, 2006
Login in to Rate this Post:
0
?
हम्म्म....सपैलाई शुक्तवार लाओ अस्तो छ, मलाई नि लाएको भर्खर आइयो...
सुत्न जाने बेलामा एउडा गिद लाउरेदाईले सुन्ने अरेओ गाम गाम लाओ-
किसिपे हुस्नका गुरुर जवानीका नशा
किसिके दिलपे मुहब्बतकि रवानिका नशा
किसिको देखके सासोँके उभरता है नशा
बिना पिए भि कहिँ हदसे गुजरता है नशा
नशेमे कौन नहिँ है मुझे बताओ जरा
किसे है होश मेरे सामने तो लाओ जरा
नशा है सबपे मगर रंग नशेका है जुदा
खिलि खिलि हुइ शुभह पे है शबनमका नशा
हवा पे खुशबुका बादलपे है रिमझिमका नशा
कहिँ सुरुर है खुसियोँका कहिँ गमका नशा
नशा शराबमे होता तो नाचति बोतल
मैकदे झुमते पैमानोमे होति हलचल
नशेमे कौन नहिँ है मुझे बताओ जरा...