Posted by: Tyra July 31, 2006
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ANKHEE -
इक् पल् के लिये हि सहि
घडिया हमको मिलि मख्मलि प्यार् कि
ये लम्हे फिर् मिले ना मिले
खो जाने दे सभि दुरिया फासले
आ दिल् मिले ............
फिर् क्या हो क्या खबर् देखा है किसने कल्
आ रात् को रोक् ले ........
क्यो तकते है हम् बाहर् खडि फिजाएँ सर्द् है
चुभाति है ये धड्कन् दिल् कि रगो मे फिर् से दर्द् है
कित्ने अफ्साने तुम्हे है सुनाने अभि तो मिला है वक्त् जरा
फिर् क्या हो क्या खबर् देखा है किसने कल्
आ ....
एक् पल् के लिये हि सहि
घडिया हमको मिलि मख्मलि प्यार् कि
ये लम्हे फिर् मिले ना मिले
खो जाने दे सभि दुरिया फासले
आ दिल् मिले ............
फिर् क्या हो क्या खबर् देखा है किसने कल्
आ रात् को रोक् ले ........ :)