Posted by: Sanaklaal October 24, 2021
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देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फासलें हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फासलें हुए
धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूँ के शरम से हैं लब सिले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फासलें हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फासलें हुए
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फासलें हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फासलें हुए
धड़कनों में तेरे गीत हैं मिले हुए
क्या कहूँ के शरम से हैं लब सिले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फासलें हुए
फूल भी हो दरमियाँ तो फासलें हुए