Posted by: thankeshwor June 17, 2020
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कौन सुनेगा किसको सुनाये
कौन सुनेगा किसको सुनाये
इस लिए चुप रहते हैं
हमसे अपने रूठ न जाएँ
हमसे अपने रूठ न जाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
मेरी सूरत देखने वालों
मैं भी इक आइना था
मेरी सूरत देखने वालों
मैं भी इक आइना था
टूटा जब यह सिसये
दिल सावन का महीना था
टुकड़े दिल के किसको दिखाएँ
टुकड़े दिल के किसको दिखाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
हमसे अपने रूठ न जाएँ
हमसे अपने रूठ न जाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
आज ख़ुशी की इस महप्फइल
मैं अपना जी भर आया है
आज ख़ुशी की इस महप्फइल
मैं अपना जी भर आया है
गम की कोई बात नहीं है
हमे ख़ुशी ने रुलाया है
आँख से आँसू बह ना जाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
हमसे अपने रूठ न जाएँ
हमसे अपने रूठ न जाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
प्यार के फूल चुनने थे
हमने ख़ुशी की सेज सजाने को
प्यार के फूल चुनने थे
हमने ख़ुशी की सेज सजाने को
पतजड़ बनके आई बहरें
घर में आग लगाने को
आज मैं घूम की जल न जाएँ
आज मैं घूम की जल न जाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
कौन सुनेगा किसको सुनाये
इस लिए चुप रहते हैं
इस लिए चुप रहते हैं
इस लिए चुप रहते हैं.
कौन सुनेगा किसको सुनाये
इस लिए चुप रहते हैं
हमसे अपने रूठ न जाएँ
हमसे अपने रूठ न जाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
मेरी सूरत देखने वालों
मैं भी इक आइना था
मेरी सूरत देखने वालों
मैं भी इक आइना था
टूटा जब यह सिसये
दिल सावन का महीना था
टुकड़े दिल के किसको दिखाएँ
टुकड़े दिल के किसको दिखाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
हमसे अपने रूठ न जाएँ
हमसे अपने रूठ न जाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
आज ख़ुशी की इस महप्फइल
मैं अपना जी भर आया है
आज ख़ुशी की इस महप्फइल
मैं अपना जी भर आया है
गम की कोई बात नहीं है
हमे ख़ुशी ने रुलाया है
आँख से आँसू बह ना जाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
हमसे अपने रूठ न जाएँ
हमसे अपने रूठ न जाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
प्यार के फूल चुनने थे
हमने ख़ुशी की सेज सजाने को
प्यार के फूल चुनने थे
हमने ख़ुशी की सेज सजाने को
पतजड़ बनके आई बहरें
घर में आग लगाने को
आज मैं घूम की जल न जाएँ
आज मैं घूम की जल न जाएँ
इस लिए चुप रहते हैं
कौन सुनेगा किसको सुनाये
इस लिए चुप रहते हैं
इस लिए चुप रहते हैं
इस लिए चुप रहते हैं.